यदि आप Sankat Mochan Hanuman Ashtak Hindi PDF (संकट मोचन हनुमान अष्टक) को खोज रहें हैं, तो आप बिल्कुल सही जगह हैं | निचे हमनें इस पोस्ट में संकट मोचन हनुमान अष्टक के साथ-साथ इससे जुड़ी अन्य जानकारी भी दिया हुआ हैं | इसलिए आप इस पेज को अंत तक जरुर देखें | उसके बाद अप Sankat Mochan Hanuman Ashtak PDF Download भी कर सकते हैं |
Sankat Mochan Hanuman Ashtak Overview
PDF Name | Sankat Mochan Hanuman Ashtak PDF |
PDF Category | Religious & Spirituality |
No. of Pages | 03 |
PDF Size | 0.32 MB |
Source/Credit | Multiple Sources |
Published/Update | 27.05.2023 |
Uploaded By | Vidhya Sharma |
Sankat Mochan Hanuman Ashtak Hindi
संकट मोचन हनुमान जी की एक प्रसिद्ध आरती हैं, जो हनुमान जी को समर्पित हैं | संकट मोचन हनुमान अष्टक को हनुमान जी के भक्तों के द्वारा रोजाना गया जाता हैं | यह आरती गानें और सुनने में बहुत ही अच्छा लगता हैं | इस अष्टक में हनुमान जी के गुणों और महत्वों क वर्णन किया गया हैं | जो भक्तो को संकट और मुसीबतों से बचानें की क्षमता प्रदान करता हैं |
यदि आप भी हनुमान जी के भक्त हैं, तो आपसब के लिए संकट मोचन हनुमान अष्टक निचे दिए गए हैं
Sankat Mochan Hanuman Ashtak PDF
बाल समय रवि भक्षी लियो तब | तिनाहू लोक भयो अंधियारों,
ताहि सों त्रास भयो जग को | यह संकट काहु सों जात ना टारो,
देवन आनी करी बिनती तब | छाड़ी दियो रवि कष्ट निवारो,
को नहीं जानत है जग में कपि | संकट मोचन नाम तिहारो,
बलि की त्रास कपीस बसै गिरी | जात महाप्रभु पंथ निहारो,
चौकी महामुनि साप दियो तब | चाहिए कौन विचार बिचारौ,
के द्विज रूप लिवाय महाप्रभु | सो तुम दास के सोक निवारो,
को नहीं जानत हैं जग में कपि | संकट मोचन नाम तिहारो,
अंगद के संग लेन गये सिय | खोज कपीस यह बैन उचारो,
जीवत न बचिहौ हम सों जूं | बिना सुधि लाए इहां पगु धारो,
हेरी थके तट सिंधु सबै तब | लाय सिया सुधि प्रान उबारो,
को नहीं जानत है जग में कपि | संकट मोचन नाम तिहारो,
रावण त्रास दई सिय को सब | राक्षसि सों कहि सोक निवारो,
ताहि समय हनुमान महाप्रभु | जाय महा रजनीचर मारो,
चाहत सिय अशोक सों आगि सु | दै प्रभु मुद्रिका सोक निवारो,
को नहीं जानत हैं जग में कपि | संकट मोचन नाम तिहारो,
बान लग्यो उर लछिमन के तब | प्राण तजे सुत रावण मारो,
लै गृह वैध सुषेन समेत | तबै गिरी द्रोन सु बीर उपारो,
आनि सजीवन हाथ दई तब | लछिमन के तुम प्राण उबारो,
को नहीं जानत हैं जग में कपि | संकट मोचन नाम तिहारो,
रावण युद्ध अजान कियो तब | नाग की फ़ांस सबै सिर डारो,
श्री रघुनाथ समेत सबै दल | मोह भयो यह संकट भारो,
आनि खगेस तबै हनुमान जु | बंधन काटि सुत्रास निवारो,
को नहीं जानत है जग में कपि | संकट मोचन नाम तिहारो,
बंधु समेत जबै अहिरावण | लै रहूनाथ पाताल सिधारो,
देविहिं पूजि भली विधि सों बलि | देउ सबै मिलि मंत्र विचारो,
जाय सहाय भयो तब ही | अहिरावण सैन्य समेत संहारो,
को नहीं जानत है जग में कपि | संकट मोचन नाम तिहारो,
काज किये बड़ देवन के तुम | वीर महाप्रभु देखि बिचारो,
कौन सो संकट मोर गरीब को | जो तुमसो नहीं जात हैं टारो,
बेगी हरो हनुमान प्रभु | जो कुछ संकट होय हमारो,
को नहीं जानत है जग में कपि | संकट मोचन नाम तिहारो,
संकट मोचन नाम तिहारो | संकट मोचन नाम तिहारो | संकट मोचन नाम तिहारो |
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FAQ Sankat Mochan Hanuman Ashtak
संकट मोचन हनुमान अष्टक क्या हैं?
यह एक हिंदी भजन हैं, जो हनुमानजी को समर्पित हैं | संकट मोचन हनुमान अष्टक हनुमान जी के गुणों और महिमा को स्तुति करता हैं और उनसे कृपा और सहायता की प्रार्थना करता हैं |
संकट मोचन हनुमान अष्टक लाभ क्या हैं?
यह हनुमान जी की आरती हैं जिसे बोलने और सुनने से हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती हैं | और भक्तों को संकट और मुसीबतों से बचने की क्षमता प्रदान करती हैं |
संकट मोचन हुनमान अष्टक का उद्गम कब हुआ?
संकट मोचन हनुमान अष्टक का उद्गम युगों पहले श्री गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा हुआ | तुलसीदास नें रामचरितमानस के अंतर्गत हनुमान जी की महिमा को दर्शानें के लिए इस अष्टक को रचा था | जो आज संकट मोचन हनुमान अष्टक के नाम से काफी प्रसिद्ध हैं |